पीरियड्स की बात आते ही हर लड़की या हर महिला के मन में सैनेटरी नैपकिन और टेम्पोन घूमने लगता है। पीरियड्स के दौरान ज्यादा फ्लो होने के कारण पैड बदलने कि चिंता, दाग लगने कि चिंता, पैड जल्दी खत्म होने कि चिंता तथा बार बार बाजार जाकर दुकान से इसे खरीदने कि अलग चिंता होती है। सैनेटरी नैपकिन और टेम्पोन में पैसा भी अधिक लगता है। लेकिन इन सबसे बेहतर विकल्प के रूप में मेंस्ट्रुल कप बाजार में उपलब्ध हैं जिसे अभी के समय में सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। क्योंकि यह दूसरों कि तुलना में ज्यादा सस्ता, सुरक्षित और सफल है।
मेंस्ट्रुअल कप रबर या सिलिकॉन से बना हुआ एक छोटा, लचीला कीप के आकार का कप होता है, जिसे महिलाएं अपनी योनि में डालती है। ताकि इसमें पीरियड्स या महावारी का सारा रकस्स्राव जमा हो जाए। टैम्पोन या पैड जैसे दूसरे अन्य तरीकों की तुलना में मेंस्ट्रुअल कप अधिक ब्लड को जमा करने की क्षमता रखता है। जिसके कारण इसे मासिक धर्म चक्र के लिए एक प्रमुख स्त्री स्वच्छता उत्पाद के रूप में जाना जाता है। पीरियड्स का प्रवाह यानि फ्लो के आधार पर, एक महिला 12 घंटे तक मेंस्ट्रुअल कप को पहन सकती है।
यदि एक महिला मासिक धर्म
कप का उपयोग करने में रुचि रखती है, तो उसे पहले अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ
के साथ इस बारे में बात करनी चाहिए। हालांकि, एक महिला इसे ऑनलाइन या
मेडिकल स्टोर से किसी भी ब्रांड का खरीद सकती है, लेकिन उससे पहले यह पता
लगाना आवश्यक है कि उस महिला को किस आकार यानी की साइज के मेंस्ट्रुअल कप
फिट आएगा।
आपके लिए सही मेंस्ट्रुअल कप के आकार का पता लगाने के लिए, आपकी स्त्री रोग विशेषज्ञ निम्नलिखित कारणों पर विचार करेंगी:
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जब कोई महिला पहली बार मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करती है तो वह थोड़ी असहज यानी कि अनकंफर्टेबल महसूस कर सकती है। लेकिन मेंस्ट्रुअल कप को हल्का सा ग्रीसिंग करने के बाद वह बहुत आसानी से स्मूथली अंदर चला जाता है। मेंस्ट्रुअल कप को अपनी योनि में डालने से पहले इसके किनारे पर पानी या पानी से बने लुब्रिकेंट को लगाएं। ऐसा करने से यह बहुत ही आसानी से योनि में इंसर्ट हो जाता है।
अगर एक महिला टैम्पोन को अपनी योनि में रख सकती है तो वह मेंस्ट्रुअल कप को भी बहुत आसानी से इंसर्ट कर सकती है। मासिक धर्म कप का उपयोग करने के लिए नीचे दिए हुए चरणों का पालन करें:-
- अपना हाथ अच्छी तरह से धोएं
- पानी या पानी से बने लुब्रिकेंट को मेंस्ट्रुअल कप के किनारे पर अच्छी तरह से लगाएं
- मेंस्ट्रुअल कप को बीच में से मोड़कर आधा बनाएं तथा उसे ऐसे हिसाब से पकड़ें कि उसका किनारा ऊपर कि तरफ हो
- कप के किनारे को ऊपर कि तरफ करते हुए इसे अपनी योनि में इंसर्ट करें, बिलकुल वैसे ही जैसे आप टैम्पोन को इंसर्ट करती हैं। कप सर्विक्स से मात्र कुछ इंच नीचे होना चाहिए
- जब कप योनि में चला जाए तो इसे आराम से धीरे धीरे घुमाएं। ऐसा करने से यह खुलकर एक एयरटाइट सील बनाएगा जो लीकेज को रोकने का काम करेगा।
एक महिला मेंस्ट्रुअल कप को लगभग 6 से 12 घंटे तक पहन सकती है, जो कि इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसे हेवी फ्लो आता है या नहीं। इसका मतलब यह है कि वह ओवरनाइट प्रोटेक्शन के लिए भी इस कप का इस्तेमाल कर सकती है। विशेषज्ञ का कहना है कि महिला को 12 घंटे पूरा होते ही उसे अपने मेंस्ट्रुअल कप को बाहर निकाल देना चाहिए। अगर यह उससे पहले भर जाता है तो इसे इसके नियमित समय से पहले ही निकाल देना चाहिए नहीं तो लीकेज होने कि संभावना होती है
- अपने हाथ को साफ तरह से धोएं
- अपनी तर्जनी यानी इंडेक्स फिंगर और अंगूठे को योनि के अंदर डालें और जब तक आप आधार तक नहीं पहुंचते तब तक कप के डंठल को धीरे धीरे बाहर निकालें
- सील को बाहर निकालने के लिए आधार को हल्का पिंच करें
- नीचे कि तरफ खींचे और कप को बाहर निकाल लें
- जब कप बाहर निकल जाए तो इसे सिंक या टॉयलेट में खाली करके फ्लश कर दें
मेंस्ट्रुअल कप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी कीमत बहुत कम होती है। साथ ही, इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है। टैम्पोन या सैनिटरी पैड की तुलना में मेंस्ट्रुअल कप में अधिक खून को जमा किया जा सकता है। महिलाएं अभी सबसे अधिक मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करती हैं। क्योंकि इसे अपनी योनि में लगाने के बाद भी बिना किसी दिक्कत या परेशानी का सामना किए सेक्स का आनंद उठाया जा सकता है। सेक्स के दौरान आपको जरा भी इस बात का एहसास नहीं होगा जी आपने योनि में मेंस्ट्रुअल कप लगाया हुआ है।
इतना ही नहीं, जहां सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन में केमिकल जैसे कि ब्लीच और डायोक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं मेंस्ट्रुअल कप के निर्माण के दौरान किसी भी प्रकार के केमिकल के इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं पड़ती है। मेंस्ट्रुअल कप में किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं होता है। इसलिए जहां सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन का इस्तेमाल करने पर योनि में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। वहीं मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने पर इंफेक्शन या दूसरे साइड इफेक्ट्स जैसे कि योनि में खुजली होना, योनि में जलन होना, योनि में दर्द या सेक्स के दौरान दर्द होने का खतरा लगभग शून्य होता है। अगर आप पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग से परेशान हैं और उससे बचने के लिए बेस्ट और सुरक्षित तरीका अपनाना चाहती हैं तो आपको मेंस्ट्रुअल कप का चुनाव करना चाहिए।
साथ ही आपको इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि अगर मेंस्ट्रुअल कप लगाने के बाद आपको योनि में जलन, खुजली या दूसरी किसी प्रकार की समस्या होती है तो आपको इसके इस्तेमाल को तुरंत रोक देना चाहिए। साथ ही, अगर आपको अपने साइज का मेंस्ट्रुअल कप नहीं मिल रहा है तो आपको इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। क्योंकि अपने साइज से छोटे या बड़े मेंस्ट्रुअल कप को योनि में लगाने से कोई फायदा नहीं होता है। साथ ही अगर आपको रबर या सिलिकॉन से एलर्जी है तो आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर इसके साइड इफेक्ट्स और जटिलताओं की संभावना बढ़ सकती है।